फ्रीलांसिंग (Freelancing) की सबसे सरल परिभाषा यह है कि जब कोई प्रोफेशनल या काम करने वाला एक क्लाइंट (Client) या कंपनी के साथ नहीं होता और कई लोगों के लिए काम करता है, तो उसे फ्रीलांसिंग कहते हैं और काम करने वाले को फ्रीलांसर (Freelancer) कहते हैं। इसमें कोई फिक्स सैलरी (Fixed Salary) नहीं होती और ना ही इसमें आप सिर्फ किसी एक व्यक्ति के लिए काम करते हो।
हेलो दोस्तों, मेरा नाम है Ashvani Kumar (अश्वनी कुमार) और मैं पिछले 11 सालों से फ्रीलांसिंग कर रहा हूं। इस सफर में, मैंने फ्रीलांसिंग से 3 करोड़ से ऊपर की कमाई की है। इस ब्लॉक के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा कि फ्रीलांसिंग क्या होती है, इसके फायदे क्या हैं, और आप किस प्रकार से फ्रीलांसिंग से कमाई कर सकते हैं।
आप मेरी फ्रीलांसिंग जर्नी को यहाँ पढ़ सकते हैं और मेरी फ्रीलांसिंग प्रोफाइल यहाँ देख सकते हैं।
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Freelancing kya hai in hindi
मान लो आप एक स्टूडेंट (Student) हैं जो ग्रेजुएशन (Graduation) कर रहा है, और आपके किसी फ्रेंड (Friend) या अंकल (Uncle) ने आपको कोई प्रोजेक्ट (Project) बनाने के लिए दिया है। मान लो उसे अपनी बेटी, जो कि 12वीं कक्षा में पढ़ती है, के लिए एक असाइनमेंट (Assignment) बनवानी है। अगर आप वह असाइनमेंट बनाते हो और उसके बदले आपको कुछ पैसे मिल रहे हैं, तो उसे फ्रीलांसिंग कहते हैं और आप एक फ्रीलांसर बन गए हो। इसी तरह आप किसी और के लिए भी ऐसा कोई काम कर सकते हो। इसमें आप किसी एक व्यक्ति के लिए काम नहीं करते, बल्कि कई क्लाइंट्स (Clients) के लिए काम करते हो।
फ्रीलांसिंग से कमाई कैसे होती है?
बहुत सारे फ्रीलांसिंग प्लेटफॉर्म (Freelancing Platforms) हैं, जैसे कि upwork.com, freelancer.com, fiverr.com। वहां पर जिन क्लाइंट्स को काम करवाना होता है, वह वहां पर जॉब पोस्ट (Job Post) डाल देते हैं। फिर जो फ्रीलांसर (Freelancer) होता है, वह उस जॉब पर अप्लाई (Apply) करता है। आपकी तरह ही कई फ्रीलांसर उस जॉब पर अप्लाई करते हैं।
फिर वह जॉब एप्लिकेशन क्लाइंट्स के पास जाती है। क्लाइंट्स सभी आई हुई एप्लिकेशंस (Applications) को देखते हैं और उनमें से हर फ्रीलांसर की प्रोफाइल (Profile) चेक कर सकते हैं। जिसके रेट (Rate), प्रोफाइल, या एक्सपीरियंस (Experience) क्लाइंट को बढ़िया लगता है, वह उसे जॉब दे देता है।
मान लो आप एक वेबसाइट डिजाइनर (Website Designer) हैं और आपको कोई कहता है कि हमारे बिजनेस की वेबसाइट बना दो। आप उसे घंटे के हिसाब से चार्ज (Hourly Rate) कर सकते हैं। मान लो आपने तय किया कि एक घंटे का रेट $5 होगा। अगर आप रोज़ 5 घंटे काम करते हैं, तो आप रोज़ $25 कमा रहे हैं।
जब तक वेबसाइट पूरी नहीं होती, आप अपने घंटे जोड़ते रहते हैं और क्लाइंट को इनवॉइस (Invoice) भेजकर उसके बदले पैसे ले सकते हैं। जब तक वेबसाइट पूरी नहीं होती, आप उसके लिए काम करते रहते हैं और अंत में जब वेबसाइट पूरी हो जाती है, तो आपने जितने भी डॉलर अब तक क्लाइंट से चार्ज किए हैं, वह आपकी उस वेबसाइट या प्रोजेक्ट की अर्निंग (Earnings) हो जाती है। इसे ही फ्रीलांसिंग (Freelancing) कहते हैं।
फ्रीलांसिंग के दो प्रकार | Freelaning Income Types
घंटे के हिसाब से (Hourly Basis)
इसमें आपको हर घंटे का काम करने के पैसे मिलते हैं। मतलब आप जितने भी घंटे काम करेंगे, आपको उन घंटों के हिसाब से पैसे मिलेंगे। घंटे के हिसाब से तब काम करते हैं जब काम का कोई फिक्स आइडिया (Fixed Idea) नहीं होता कि इस काम को करने के लिए कितनी मेहनत लगेगी और कितना वक्त लगेगा। इसे उदाहरण से समझते हैं:
मान लो आप एक वेबसाइट डेवलपर (Website Developer) हैं। आपको क्लाइंट (Client) बोलता है कि मेरी वेबसाइट (Website) पर कुछ काम करना है, यानी उसकी वेबसाइट पहले से बनी हुई है लेकिन उसमें कुछ अपडेट्स (Updates) करने हैं और नया कंटेंट (Content) ऐड करना है। इसका कोई फिक्स हिसाब नहीं है कि कितना काम है और कितने घंटे का काम होगा। इसलिए फिर क्लाइंट कहता है, या आप फ्रीलांसर (Freelancer) की तरह सोचते हैं, कि इस काम में कितने घंटे लगेंगे, इसका पक्का हिसाब नहीं है। इसलिए आप घंटे के हिसाब से काम करने का निर्णय लेते हैं।
इसमें क्या होता है कि वह आपको काम भेजता है जैसे कि “मेरी वेबसाइट पर यह चीज़ ऐड करनी है” या “यह चेंज (Change) करना है”, तो आप काम शुरू करते हैं और हर बार जब आप काम करते हैं, तो टाइम नोट (Time Note) करते जाते हैं कि उस वेबसाइट पर काम करने के लिए कितने घंटे लगे।
मान लो एक हफ्ते बाद आपको काम करते हुए 30 घंटे हो गए हैं और आपने क्लाइंट के साथ $10 प्रति घंटे का रेट (Rate) सेट किया था। इसका मतलब है कि आप एक हफ्ते बाद क्लाइंट को 30 * 10 यानी $300 की इनवॉइस (Invoice) भेज सकते हैं। आपकी एक हफ्ते की फ्रीलांसिंग से कमाई हुई $300, जो कि भारतीय मुद्रा में लगभग Rs. 24,000 होगी।
और आओ अब समझते हैं प्रोजेक्ट बेसिस पर कैसे काम करते हैं।
प्रोजेक्ट बेस (Project-Based)
इसमें आपको एक फिक्स्ड अमाउंट (Fixed Amount) मिलती है प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए। चाहे कितने भी घंटे लगें, आपको सिर्फ प्रोजेक्ट पूरा करना होता है।
मान लो आपके किसी फ्रेंड या अंकल ने अपनी बिजनेस वेबसाइट (Business Website) बनानी है और उन्होंने आपको वेबसाइट की रिक्वायरमेंट्स (Requirements) दे दीं, जैसे कि इस पर ये पेज होने चाहिए, ये फोटो लगानी है, या ये डिजाइन चाहिए। उन्होंने आपको अपनी सारी रिक्वायरमेंट्स शुरुआत में ही बता दीं। अब आप उनकी रिक्वायरमेंट्स के आधार पर कैलकुलेशन करते हो कि इसमें कितनी मेहनत लगेगी यानी कितना वक्त लगेगा, ताकि क्लाइंट की सारी रिक्वायरमेंट्स पूरी हो सकें।
आप कैलकुलेशन के बाद क्लाइंट को बताते हो कि इस वेबसाइट को बनाने में 50 घंटे लगेंगे। फिर आप डेडलाइन (Deadline) तय करते हो, जैसे कि 15 दिन के अंदर वेबसाइट पूरी कर देंगे, और साथ ही $500 का एस्टीमेट (Estimate) देते हो। अगर क्लाइंट आपकी शर्तें मान लेता है, तो आप उसकी वेबसाइट बनाने के लिए $500 में राजी हो जाते हो। अब आपको उस वेबसाइट को $500 में पूरा करना होगा।
अब क्लाइंट को कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप उसे वेबसाइट बनाने में 10 घंटे लगाते हो, 100 घंटे, या 200 घंटे। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप उसे कितनी जल्दी तैयार करते हो। जितनी जल्दी आप उसे वेबसाइट तैयार करोगे, आपका उतना ही कम टाइम लगेगा, जिससे आपका प्रॉफिट बढ़ेगा और आपकी घंटे की वैल्यू (Hourly Rate Value) उतनी ही ज्यादा होगी।
तो ये थे फ्रीलांसिंग में काम करने के दो तरीके:
- घंटे के हिसाब से काम (Hourly Rate)
- प्रोजेक्ट बेस्ड काम (Project-Based Work)
कई बार फिक्स प्रोजेक्ट (Fixed Project) ज्यादा प्रॉफिटेबल रहता है क्योंकि अनुमान से जल्दी काम पूरा हो जाता है। लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता, क्योंकि कई बार क्लाइंट्स बीच में या अंत में और रिक्वायरमेंट्स (Requirements) जोड़ देते हैं, जिससे समय ज्यादा लग जाता है।
क्या फ्रीलांसिंग (Freelancing) सिर्फ ऑनलाइन (Online) ही हो सकती है?
जी नहीं, फ्रीलांसिंग ऑफलाइन (Offline) भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपका मैथ्स (Maths) अच्छा है और कोई आपसे कहता है कि उनके बच्चों का प्रोजेक्ट (Project) बना दो, तो आप उसके बदले पैसे कमा सकते हैं। यह फ्रीलांसिंग ऑफलाइन होगी।
ऐसे ही, अगर आपको कुकिंग (Cooking) का शौक है और आप केक (Cake) बनाना बहुत अच्छे से जानते हैं, तो आप ऑनलाइन इंस्टाग्राम (Instagram) या फेसबुक (Facebook) पर अपनी ऐड (Ad) डाल सकते हैं और वहां से ऑर्डर (Order) लेकर अपने शहर में केक सप्लाई का बिजनेस (Business) शुरू कर सकते हैं। यह भी एक फ्रीलांसिंग का ही हिस्सा है जो आजकल बहुत लोकप्रिय हो रहा है।
फ्रीलांसिंग के फायदे। क्यों अचानक इतने लोग फ्रीलांसर (Freelancer) बन रहे हैं?
आजकल हर कोई फ्रीलांसर बनना चाहता है और इसके कई कारण भी हैं। आइए जानते हैं उनके कारणों के बारे में:
- अनलिमिटेड इनकम (Unlimited Income): इसमें आपको फिक्स सैलरी की बजाए जितना मर्जी चाहे पैसा कमा सकते हैं।
- ऑफिस जाने की जरूरत नहीं: इसमें आपको ऑफिस (Office) जाने की जरूरत नहीं होती।
- लचीला शेड्यूल (Flexible Schedule): फ्रीलांसिंग में आपको सुबह 9 से शाम 5 का शेड्यूल फॉलो नहीं करना पड़ता।
- कोई इन्वेस्टमेंट (Investment) नहीं: इसमें आपकी कोई इन्वेस्टमेंट नहीं होती, तो आपका कोई नुकसान का रिस्क भी नहीं होता।
- खुद के बस: आपका कोई बस नहीं होता आपको किसी के आर्डर फॉलो नहीं करने पड़ते आप खुद अपने बॉस होते हो
निष्कर्ष (Conclusion)
फ्रीलांसिंग (Freelancing) एक लचीला और लाभकारी करियर विकल्प है, जो लोगों को अपनी क्षमताओं का उपयोग करके काम करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसमें न केवल ऑनलाइन (Online) बल्कि ऑफलाइन (Offline) कार्य करने की भी संभावना होती है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिलता है।
इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें फिक्स सैलरी (Fixed Salary) नहीं होती, और आप अपनी मेहनत के अनुसार इनकम (Income) कमा सकते हैं। फ्रीलांसिंग के द्वारा आप अपने शेड्यूल (Schedule) को स्वयं निर्धारित कर सकते हैं, जो एक सामान्य नौकरी के मुकाबले अधिक सुविधाजनक है।
इसके अलावा, फ्रीलांसिंग के माध्यम से आप कई क्लाइंट्स (Clients) के लिए काम कर सकते हैं, जो आपकी प्रोफाइल और अनुभव को बढ़ाने में मदद करता है। यह आपको नए कौशल (Skills) विकसित करने और विभिन्न प्रोजेक्ट्स (Projects) पर काम करके विविधता प्रदान करता है।
फ्रीलांसिंग के फायदे जैसे कि अनलिमिटेड इनकम (Unlimited Income), कोई इन्वेस्टमेंट (Investment) की आवश्यकता नहीं, और लचीला काम करने का समय इसे आज के युग में एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं।
यदि आप फ्रीलांसिंग में कदम रखना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। आपकी मेहनत और समर्पण के साथ, आप इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।