फ्रीलांसिंग में क्या-क्या काम होता है? Categories, Work, & Income

Freelancing mein क्या-क्या hota hai ya freelancer क्या-क्या kam karta hai यह जानने से पहले हम जानते हैं कि फ्रीलांसिंग क्या होती है और फ्रीलांसर कौन होता है।

फ्रीलांसिंग की परिभाषा | Freelancing Kya Hota hai?

फ्रीलांसिंग एक ऐसा मॉडल है जिसमें व्यक्ति स्वतंत्र रूप से (independently) कई क्लाइंट्स या कंपनियों के लिए काम करता है। वह किसी एक एंप्लॉयर के लिए फुल-टाइम काम नहीं करता। एक फ्रीलांसर अपने स्किल्स, अनुभव, और समय का उपयोग करते हुए घर बैठे या कहीं से भी विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकता है।

फ्रीलांसिंग में क्या-क्या काम हो सकता है? Freelancing mein kya hota hai?

आजकल कोई भी काम फ्रीलांसिंग में हो सकता है। अगर आप घर बैठकर केक बनाकर बेच रहे हो तो उसे भी फ्रीलांसिंग कहते हैं या आप अगर घर पर बैठकर कपड़े डिजाइन करके उनको ऑनलाइन या ऑफलाइन व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा भी बेच रहे हो तो उसे भी फ्रीलांसिंग कहते हैं क्योंकि आप इसमें किसी और के लिए परमानेंट काम नहीं कर रहे आप अपनी मर्जी से जब चाहे जितना मर्जी चाहे कम कर सकते हैं।

फ्रीलांसिंग में काम की पांच सबसे पॉपुलर कैटेगरी इस प्रकार हैं:

1) कंटेंट राइटिंग | Content Writing

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कंटेंट राइटिंग फ्रीलांसिंग की सबसे आसानी से सीखी जाने वाली स्किल (skill) मानी जाती है और आजकल यह तेजी से बढ़ती फ्रीलांसिंग कैटेगरी (freelancing category) में से एक है। इसका कारण यह है कि इंटरनेट (internet) की दुनिया पूरी तरह से कंटेंट (content) पर आधारित है। जिनका कंटेंट बेहतर होता है, उनका प्रोडक्ट (product) ज्यादा बिकता है, उनके व्यवसाय को अधिक ट्रैफिक (traffic) और प्रॉफिट (profit) मिलता है।

इस कैटेगरी में काम करने वाले फ्रीलांसर (freelancer) औसतन $10 प्रति घंटे कमा सकते हैं। कंटेंट राइटिंग का दायरा बहुत बड़ा है और इसमें कई तरह के काम शामिल होते हैं

यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं जो कंटेंट राइटिंग के अंतर्गत आते हैं:

  1. कहानी या स्टोरी लिखना: आप किसी के लिए कहानियाँ या स्टोरी लिख सकते हैं, चाहे वह किताब के लिए हो या किसी अन्य प्रकार के क्रिएटिव प्रोजेक्ट के लिए। यह भी कंटेंट राइटिंग का हिस्सा है।
  2. वेबसाइट के लिए ब्लॉग पोस्ट लिखना: किसी वेबसाइट के लिए ब्लॉग पोस्ट तैयार करना भी कंटेंट राइटिंग कहलाता है। ब्लॉग्स किसी साइट के SEO और ट्रैफिक बढ़ाने में मदद करते हैं।
  3. न्यूज़ लिखना: न्यूज़पेपर या ऑनलाइन मीडिया के लिए न्यूज़ आर्टिकल्स लिखना भी कंटेंट राइटिंग में आता है। यह पत्रकारिता का एक प्रमुख हिस्सा होता है।
  4. वीडियो स्क्रिप्ट लिखना: अगर आप किसी यूट्यूब चैनल या वीडियो प्रोडक्शन के लिए स्क्रिप्ट तैयार करते हैं, तो यह भी कंटेंट राइटिंग का एक रूप है।
  5. सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए टेक्स्ट लिखना: सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने वाले बैनर या ग्राफिक्स पर जो टेक्स्ट लिखा होता है, उसे भी कंटेंट राइटिंग कहा जाता है।
  6. डॉक्यूमेंटेशन लिखना: किसी प्रोग्राम, प्रोडक्ट या सॉफ्टवेयर की डॉक्यूमेंटेशन तैयार करना भी कंटेंट राइटिंग का ही हिस्सा है। यह तकनीकी लेखन (technical writing) का एक महत्वपूर्ण भाग है।
  7. ट्यूटोरियल लिखना: अगर आप किसी प्रोडक्ट या सॉफ्टवेयर का यूजर गाइड या ट्यूटोरियल तैयार करते हैं, तो यह भी कंटेंट राइटिंग के अंतर्गत आता है।
  8. फिल्म की स्टोरी लिखना: किसी फिल्म या टीवी शो के लिए स्टोरी या स्क्रिप्ट लिखना भी कंटेंट राइटिंग का एक रूप है, जिसे अक्सर स्क्रीनराइटिंग कहा जाता है।
  9. वेबसाइट के लैंडिंग पेज का टेक्स्ट लिखना: किसी वेबसाइट के लैंडिंग पेज के लिए आकर्षक और प्रभावी टेक्स्ट तैयार करना भी कंटेंट राइटिंग में शामिल है।
  10. ईमेल लिखना: किसी क्लाइंट या कंपनी के लिए प्रोफेशनल ईमेल तैयार करना भी कंटेंट राइटिंग का हिस्सा होता है, विशेष रूप से ईमेल मार्केटिंग के लिए।

इन सभी उदाहरणों से यह साफ है कि कंटेंट राइटिंग सिर्फ ब्लॉग या आर्टिकल लिखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के लेखन कार्यों में होता है। जहाँ भी कुछ लिखने की जरूरत होती है, चाहे वह डिजिटल प्लेटफॉर्म हो, प्रिंट मीडिया हो, या कोई अन्य फॉर्मेट, वह कंटेंट राइटिंग ही होती है। अगर आप किसी के लिए कुछ भी लिख रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप कंटेंट राइटर बन चुके हैं।

इसके अलावा, कंटेंट राइटिंग की दुनिया में बहुत सारे ऐसे काम हैं जो इसमें शामिल होते हैं। यहां तक कि जो स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं, या घर पर बैठी हाउसवाइफ्स भी आसानी से कंटेंट राइटिंग कर सकती हैं। इसे फ्रीलांसिंग के तौर पर या पार्ट-टाइम काम की तरह भी किया जा सकता है।

कंटेंट राइटिंग करने के लिए सिर्फ एक कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन, और अच्छा लिखने का हुनर होना चाहिए। और सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें आप अपनी लिखने की कला (writing skills) को निरंतर सुधार सकते हैं और अपने अनुभव के अनुसार अपनी कमाई भी बढ़ा सकते हैं।

2) डिजाइनिंग | Designing

Most Common Freelance Job Categories in India -  डिजाइनिंग  | Designing

Designing दूसरी सबसे पॉपुलर फ्रीलांसिंग कैटेगरी है, जहाँ आप बिना कोडिंग या प्रोग्रामिंग के अपने क्रिएटिव स्किल्स का इस्तेमाल करके विभिन्न प्रकार के डिजाइनिंग काम कर सकते हैं। यह कैटेगरी कंटेंट राइटिंग की तरह तेजी से बढ़ रही है क्योंकि डिजिटल युग में हर व्यवसाय को एक विज़ुअल प्रजेंस की जरूरत है। इस कैटेगरी में फ्रीलांसर एवरेज 15 से 20 डॉलर प्रति घंटे की कमाई करते हैं।

फ्रीलांस डिजाइनिंग के महत्वपूर्ण काम निम्नलिखित हैं:

  1. यूट्यूब वीडियो के लिए थंबनेल डिजाइन करना (Thumbnail Design): किसी वीडियो की पहचान और आकर्षण के लिए एक बढ़िया थंबनेल डिजाइन किया जाता है।
  2. फेसबुक पोस्ट या प्रोफाइल कवर डिजाइन करना (Facebook Post/ Cover Design): सोशल मीडिया पर ध्यान आकर्षित करने के लिए पोस्ट और कवर इमेज डिजाइन की जाती हैं।
  3. वेबसाइट डिजाइन करना (Website Design): वेबसाइट की लेआउट और यूजर इंटरफेस डिजाइन करना फ्रीलांस डिजाइनिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  4. लोगो डिजाइन करना (Logo Design): किसी कंपनी या प्रोडक्ट के लिए यूनिक और आकर्षक लोगो बनाना फ्रीलांस डिजाइनिंग के तहत आता है।
  5. ग्राफिक्स डिजाइन करना (Graphics Design): किसी प्रोडक्ट का लेबल, इंफोग्राफिक या अन्य किसी तरह के विजुअल कंटेंट का डिजाइन बनाना।
  6. सोशल मीडिया पोस्टर डिजाइन करना (Social Media Poster Design): फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि के लिए पोस्टर डिजाइन करना भी डिजाइनिंग का हिस्सा है।
  7. बिजनेस कार्ड, ब्रोशर, फ्लायर, बैनर, और पैकेजिंग डिजाइन (Business Card, Brochure, Flyer, Banner, Packaging Design): ये सारे डिजाइनिंग के काम भी इसी कैटेगरी में आते हैं, जो किसी ब्रांड की पहचान बनाने में महत्वपूर्ण होते हैं।
  8. कपड़ों पर डिजाइन बनाना (Apparel Design): फैशन इंडस्ट्री में कपड़ों के लिए यूनिक डिजाइन तैयार करना एक अच्छा कमाई वाला काम है।

इसका मतलब यह है कि अगर आपको किसी भी प्रकार का विजुअल कंटेंट डिजाइन करना आता है, तो आप एक फ्रीलांस डिजाइनर बन सकते हैं। इसमें आपको कुछ लिखने या सर्च करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि दिए गए कंटेंट को केवल अपनी क्रिएटिविटी के साथ बेहतर ढंग से प्रस्तुत करना होता है।

आजकल हर बिजनेस को वेबसाइट और सोशल मीडिया के लिए विजुअल्स की जरूरत पड़ती है, इसलिए फ्रीलांस डिजाइनिंग की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। अगर आपको डिजाइनिंग पसंद है, तो यह आपके लिए एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है, जहाँ आप अपने स्किल्स का इस्तेमाल करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं।

3) प्रोग्रामिंग एंड वेबसाइट डेवलपमेंट | Coding & Web Development

web development - Most Common Freelance Job Categories in India

तीसरी कैटेगरी प्रोग्रामिंग एंड वेबसाइट डेवलपमेंट है, जो फ्रीलांसिंग की सबसे महंगी और महत्वपूर्ण कैटेगरी मानी जाती है। इसमें काम करने वाले फ्रीलांसर सबसे ज्यादा कमाई करते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में स्किल सीखने के लिए समय और मेहनत दोनों की जरूरत होती है। यह हर किसी के बस की बात नहीं होती। इस कैटेगरी में एवरेज फ्रीलांसर $25 प्रति घंटे की कमाई करता है, जबकि अधिक अनुभवी फ्रीलांसर $35 से $40 प्रति घंटे तक कमा सकते हैं।

प्रोग्रामिंग एंड वेबसाइट डेवलपमेंट के अंतर्गत किए जाने वाले कुछ प्रमुख काम निम्नलिखित हैं:

  • वेबसाइट बनाना (Website Development): किसी के लिए एक नई वेबसाइट को डेवेलप करना, चाहे वह पर्सनल वेबसाइट हो या बिज़नेस वेबसाइट।
  • ई-कॉमर्स स्टोर बनाना (E-commerce Store Development): किसी के बिजनेस के लिए ऑनलाइन शॉप या ई-कॉमर्स स्टोर सेटअप करना।
  • मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट (Mobile Application Development): किसी के लिए मोबाइल ऐप बनाना।
  • सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (Software Development): कोई नया सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन बनाना, जैसे कोई कस्टम सॉल्यूशन।
  • वेबसाइट में नए फीचर्स जोड़ना (Adding New Features): किसी बनी हुई वेबसाइट में नए फीचर्स या फंक्शनलिटी जोड़ना।
  • एचटीएमएल, सीएसएस, जावास्क्रिप्ट कोडिंग (HTML, CSS, JavaScript Coding): वेबसाइट के लिए एचटीएमएल, सीएसएस, जावास्क्रिप्ट जैसी लैंग्वेजेज का उपयोग करके प्रोग्रामिंग करना।
  • कस्टम वेब एप्लीकेशन बनाना (Custom Web Application Development): जैसे टास्क मैनेजमेंट टूल, पोस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, या एम्प्लॉई मैनेजमेंट टूल बनाना।
  • एपीआई इंटीग्रेशन (API Integration): दो अलग-अलग सिस्टम या सेवाओं को जोड़ने के लिए कोडिंग करना ताकि वे एक साथ काम कर सकें।
  • वेबसाइट की स्पीड बढ़ाना (Speed Optimization): किसी स्लो वेबसाइट को तेज करना।
  • एरर फिक्स करना (Error Fixing): वेबसाइट या सॉफ्टवेयर में मौजूद एरर या बग को ठीक करना।
  • डेटाबेस क्रिएशन एंड मैनेजमेंट (Database Creation and Management): डेटाबेस डिजाइन करना, क्रिएट करना, और उसका मैनेजमेंट करना भी इसी में आता है।

इस कैटेगरी में आपको डिजाइन या लिखाई का काम नहीं करना होता। आपको एक डिजाइन और कंटेंट दिया जाता है, जिसे कोडिंग के माध्यम से वेबसाइट या प्रोग्राम में डेवलप करना होता है।

4) डिजिटल मार्केटिंग | Digital Marketing

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आजकल आप हर जगह, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब पर जितनी भी ऐड (Ads) देखते हैं, वह डिजिटल मार्केटिंग का ही हिस्सा है। यह category पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बड़ी है। इसे सोशल मीडिया मार्केटिंग (Social Media Marketing) भी कहते हैं क्योंकि सबसे ज्यादा कमाई सोशल मीडिया का ही होता है। कंटेंट राइटिंग (Content Writing) की तरह, इस स्किल (Skill) को सीखना भी बहुत आसान है। इसलिए डिजिटल मार्केटिंग में काम करने वालों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। इसमें काम करने वाले फ्रीलांसर (Freelancer) एवरेज $20 प्रति घंटे का चार्ज करते हैं

आईए जानते हैं डिजिटल मार्केटिंग में क्या-क्या काम होता है:

  • यूट्यूब चैनल मैनेजमेंट (YouTube Channel Management): आप किसी यूट्यूब चैनल को मैनेज कर सकते हैं और उसे ग्रो (Grow) करने में मदद कर सकते हैं।
  • फेसबुक पेज मैनेजमेंट (Facebook Page Management): किसी का फेसबुक पेज मैनेज करना, उसमें नई पोस्ट डालना, ऐड करना, और पेज को प्रमोट करना भी डिजिटल मार्केटिंग का हिस्सा है।
  • सोशल मीडिया पर पेड ऐड (Paid Ads on Social Media): सोशल मीडिया पर पेड ऐड चलाना भी डिजिटल मार्केटिंग में आता है।
  • सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO): किसी वेबसाइट को गूगल के पहले पेज पर रैंक करने के लिए ऑप्टिमाइज करना। यह डिजिटल मार्केटिंग का सबसे महत्वपूर्ण काम है।
  • सोशल मीडिया प्रमोशन (Social Media Promotion): किसी प्रोडक्ट (Product) या ब्रांड (Brand) को सोशल मीडिया पर प्रमोट करना।
  • कंटेंट जनरेशन (Content Generation): किसी ब्रांड को प्रसिद्ध करने के लिए अलग-अलग कंटेंट जनरेट करना या बनाना भी डिजिटल मार्केटिंग कहलाता है।
  • वीडियो/ऐड बनाना (Creating Videos/Ads): किसी प्रोडक्ट, सर्विस (Service), या व्यक्ति को प्रमोट करने के लिए वीडियो या ऐड बनाना।

मतलब, किसी भी ब्रांड या प्रोडक्ट को प्रमोट करना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Platforms) जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, और लिंक्डइन पर ताकि उसकी सेल (Sales) बढ़े और उसका प्रॉफिट (Profit) बढ़े, उसे डिजिटल मार्केटिंग या सोशल मीडिया मार्केटिंग कहते हैं।

इसमें आपका काम क्लाइंट के सोशल मीडिया अकाउंट को मैनेज करना और उसके प्रोडक्ट या उसकी सर्विसेज को ज्यादा से ज्यादा लोगों के सामने लाना होता है। अगर आपको सोशल मीडिया की अच्छी नॉलेज है और आपको सोशल मीडिया पर काम करना अच्छा लगता है, तो यह category आपके लिए बेस्ट हो सकती है।

5) पांचवी महत्वपूर्ण कैटेगरी है मल्टीमीडिया | Multimedia

Video Editing - Most Common Freelance Job Categories in India

प्रोग्रामिंग और वेब डिपार्टमेंट (Web Development) की तरह, इस कैटेगरी में काम करने वाले फ्रीलांसर भी बहुत ज्यादा पैसे कमाते हैं। क्योंकि इस स्किल (Skill) को सिखाने और करने में बहुत टाइम लगता है। इस कैटेगरी में काम करने वाले फ्रीलांसर तो प्रोग्रामर और वेब डेवलपर से भी ज्यादा चार्ज कर रहे हैं। इसमें फ्रीलांसर एवरेज 1 घंटे का $40 भी आराम से कमा लेते हैं।

फ्रीलांस वीडियो एडिटिंग और फोटोग्राफी में होने वाले काम:

  • वीडियो एडिटिंग (Video Editing): किसी भी तरह की वीडियो को एडिट करना।
  • शॉर्ट्स और रील्स बनाना (Creating Shorts and Reels): किसी यूट्यूब चैनल, इंस्टाग्राम पेज, या फेसबुक पेज के लिए शॉर्ट्स और रील्स बनाना।
  • फोटोग्राफी (Photography): किसी ऑनलाइन ई-कॉमर्स स्टोर के प्रोडक्ट्स की फोटो खींचना।
  • एनिमेटेड वीडियो (Animated Videos): एनिमेटेड वीडियो बनाना।
  • फोटो एडिटिंग (Photo Editing): फोटो को एडिट करना।
  • फोटो क्रिएशन (Creating New Photos): नई फोटो बना कर देना।
  • ट्रांसलेशन (Translation): किसी कंटेंट, ऑडियो, या वीडियो को दूसरी लैंग्वेज में ट्रांसलेट करना।
  • ऑडियो रिकॉर्डिंग (Audio Recording): किसी वीडियो के लिए ऑडियो रिकॉर्ड करना।

मतलब, जितने भी ऑडियो या वीडियो रिलेटेड काम हैं, वे इस कैटेगरी में आते हैं। जो कहते हैं, “जो दिखता है वह बिकता है।” इसलिए, जिसकी वीडियो ज्यादा बढ़िया दिखेगी, उसे ज्यादा व्यू मिलेंगे, और जिसकी फोटो ज्यादा अच्छी होगी, उसे ज्यादा लाइक मिलेंगे। इसलिए आजकल वीडियो एडिटर, ट्रांसलेटर, और फोटोग्राफर्स की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ रही है।

निष्कर्ष | Conclusion

तो, यह थीं फ्रीलांसिंग की पांच सबसे महत्वपूर्ण कैटेगरीज़, जिसमें हमने आपको बताया कि कौन सी कैटेगरी में क्या-क्या काम हो सकता है।

अगर आपको इन पांच कैटेगरी में से कोई भी स्किल (Skill) आती है, तो आपको आसानी से इसमें काम मिल जाएगा। वैसे कंटेंट राइटिंग (Content Writing) और सोशल मीडिया मार्केटिंग (Social Media Marketing) सबसे आसानी से सीखी जाने वाली स्किल्स हैं। इसलिए, अगर आपको अभी कोई स्किल की नॉलेज नहीं है, तो आप अपनी किस्मत इन दो कैटेगरी में आजमा सकते हैं, क्योंकि इनमें कामयाब होना बाकी कैटेगरी से बहुत ज्यादा आसान है।

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम है Ashvani Kumar (अश्वनी कुमार) और मैं पिछले 11 सालों से फ्रीलांसिंग कर रहा हूं। इस सफर में, मैंने फ्रीलांसिंग से 3 करोड़ से ऊपर की कमाई की है। इस ब्लॉक के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा कि फ्रीलांसिंग क्या होती है, इसके फायदे क्या हैं, और आप किस प्रकार से फ्रीलांसिंग से कमाई कर सकते हैं।

आप मेरी फ्रीलांसिंग जर्नी को यहाँ पढ़ सकते हैं और मेरी फ्रीलांसिंग प्रोफाइल यहाँ देख सकते हैं।

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